परिचय


मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं पर भगवान श्री कृष्ण ने क्रूर राजा कंस के जेलखाने में स्वयं को प्रकट किया था और अपने पिता वासुदेव और अपनी माता देवकी को मुक्त कराया था। उनका उद्देश्य दुष्टों का नाश करना, सज्जनों की रक्षा करना और धर्म को दृढ़ आधार पर स्थापित करना था।


जेल कक्ष के प्रवेश द्वार के निकट, वह मंदिर है जहाँ अष्टभुजा माँ योगमाया प्रकट हुई थीं। पवित्र स्थान में प्रवेश करते ही गर्भगृह का दिव्य वातावरण भक्तों के दिलों को रोमांचित कर देता है, और उनके मन में दृढ़ विश्वास की भावना उमड़ती है कि यह वास्तव में वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण स्वयं प्रकट हुए थे। उन्होंने पवित्र ग्रंथ भगवत गीता में मानव जाति को असाधारण और विचारोत्तेजक विचार दिए।



भगवत गीता इस बात का आधार देती है कि इस धरती पर हमारे जीवन को नियंत्रित करने वाले विभिन्न क्षेत्रों में जीवन कैसे जीना चाहिए, क्योंकि हमारी आत्मा अमर है!


मंदिर का बाहरी दृश्य